Sunday, 23 March 2014

ग़ज़ल 1

ग़मे दिल जरा और बढ़ाया जाए।
उनसे कुछ और दिल लगाया जाए।।  

वो आयेंगे ये वादा किया है।
सुकूं आओ सबको दिलाया जाए।।

अपना दीवाना उन्हें सब मानते हैं।
इस राज़ को आओ खुद से छुपाया जाए।।

कश्ती भंवर में जिसकी फंसे यार।
आशिक उनका उसे बताया जाए।।

सारे शहर में है उनका ही चर्चा।
"उस्ताद" उन्हें अपना बनाया जाए।।
 
@नलिन #उस्ताद

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