Friday 21 March 2014

नलिन नयन श्री राम

नलिन नयन श्री राम आपके।
मधुकर हम सब बन तुम्हें नहारें।।
बंकिम छवि ,लटकत कुंडल रतनारे।
श्री प्रभा रूप मधुर प्रति अंग समाये।।
चिक्कन-कपोल,मधु-भीगे होंठ रसीले।
मिश्री-माखन से बोल अनमोल तिहारे।।
भक्तन हित धनुष -बाण सम्भाले।
ढूंढ-ढूंढ आप मारते अवगुण सारे।।
जग प्रसिद्ध,पतित उद्धारन,विरद आपके।
चरण-शरण नाथ दे शीघ्र हमें आप उबारिये।।
ख़ुशहाल हों जीव हम सभी विचारिये।
भक्ति पाएं आपकी बस यही तो चाहिये।।
@नलिन

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