Wednesday, 18 August 2021

381: गजल- दिल बिछाते चलेंगे।

किया है प्यार हमने तो अंजाम भी भुगतेंगे।
खुशी-खुशी हम लाख तेरे नखरे भी सहेंगे।।

दूर से ही हवाओं में घुलकर आती है महक तेरी।
देगा जो आंचल थामने भला क्यों नहीं महकेंगे।।

जुल्फों का घना साया जिसके मुंतज़िर है हम।
मिले जो ख्वाब में भी खुशी से फूल जाएंगे।।

नूरानी आँखों में पड़े हैं डोरे इंद्रधनुषी तेरी।
इशारे पर तो बस एक इनके नाचते फिरेंगे।।

"उस्ताद" लेंगे हुजूर शागिर्दी आपकी।
कदम दर कदम हम दिल बिछाते चलेंगे।।

@नलिनतारकेश 

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