Tuesday, 17 August 2021

380: गजल- इश्क है तुझे मुझसे

तुझे देखकर मैं ग़ज़ल लिखूं।
तुझमें ही या गहरे डूब जाऊं।।

बता तो सही ए मेरे खुदा।
जिम्मा अब ये तुझपे छोड़ूं।।

आती है महक अलहदा।
जिस ओर भी तुझे देखूं।।

फासला न रहे कोई अब।
हर रोज यही दुआ  करूं।।

हर तरफ गुलजार तेरा जलवा।
हो इजाजत तो सबको बता दूं।।

होते रास्ते सबके जुदा-जुदा मगर।
मंजिल तो एक तुझको ही जानूं।।

जान गया हूं इश्क है तुझे मुझसे।
"उस्ताद" बस यही सुनना चाहूं।।

@नलिनतारकेश

 

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