Friday, 6 August 2021

374:गजल-चूमेंगे हर कदम मंजिल

चूमेंगे हर कदम मंजिल नई ये तय जान लीजिए।
लबों पे मुस्कान दिल में जुनून औ जज्बा रखिए।।

रास्ते जिंदगी के आसान नहीं यहाँ किसी के लिए भी।
बस गुजारिश है यही खुद से न कभी भी हार मानिए।।

तकदीर के चलते जो तमगे छाती में लग भी गए तो।
वो सुकूं वो खुशी न देंगे वैसी जो पसीने बहा जीतिए।।

नूर तो एक वही है जो धड़कता है तुझमें,मुझमें यारब।
दिखाई देगा बस जरा मजहबी चश्मे ये अपने उतारिए।।

जो जीतना चाहते हैं दिल अगर हर किसी का आप।
जुबां "उस्ताद" अपनी बेवजह न खोला कीजिए।।

@नलिनतारकेश 

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