Tuesday, 29 January 2019

"लघुकथा" - हाऊ इज द जोश?"

"लघुकथा" - हाऊ इज द जोश?" मैंने पूछा हाऊ इज द जोश? उसने कहा क्या बताऊं? मैंने कहा जो सच है वह बताओ।तब उसने कड़वा सच कहा - जहां जोश है वहां होश नहीं है जहां होश है वहां जोश नहीं है।मैंने पूछा इसका क्या मतलब? उसने व्यथित हो समझाया :जहां होश है वह वोट देने जाएगा नहीं या नोटा दबा देगा और जहां जोश है वह बेहोश हो कुछ ख्वाब चंद रुपयों/कुछ सहुलियतों की सोच देश को गिरवी रख आएगा।

No comments:

Post a Comment