Friday, 18 January 2019

gazal-89

यहाँ हाल भला किसका ठीक है.
है वही ठीक जो छका ठीक है

तोड़ना कच्चा फल गुनाह है एक
खाना तू वही जो पका ठीक है है.

यूं हर कोई खानाबदोश साँस ले रहा.
हो रूह जिन्दा तभी जिस्मे-मका ठीक है.

माहौल अभी भी सुधार लो दोस्तों
संग साथ चलना ही सबका  ठीक है.

गिरेगा तो रपटा देगा कहीं भी.
पानी एक बूँद कहाँ छलका ठीक है.

वहम के मारोँ का इलाज क्या करोगे.
सुहाता उनको तो बस टोटका ठीक है.

परख कर ही "उस्ताद" बनाओ किसी को .
वरना तो खुद का ही सदक़ा ठीक है. 

 @नलिन #उस्ताद  

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