Friday, 1 February 2019

गजल-103 नाद में थोड़ा डाल चारा

नाद में थोड़ा डाल चारा दूध सारा उसने निकाल लिया।
गर्दन हिला घंटी बजा गोवंश ने सारा दर्द संभाल लिया।।

गोली खाकर जवान तो छाती पर मर मिटा वतन के लिए।
हुजूर सुप्रीम ने पांव की अजाब* मगर केस टाल लिया।।*शारीरिक पीड़ा

सब अपने में आजकल इस कदर मसरूफ हैं दिखते।
मानो कि जैसे सबने अपने को बुत में ढाल लिया।।

दर्द,तकलीफ से कौन भला वाबस्ता यहां किसी की।
सेल्फी का पोज मगर साथ में बड़ा बेमिसाल लिया।।

आंखों से आंखें चार हुईं तो यह बड़ा कमाल हुआ।
अब "उस्ताद"हमने एक नया दर्द अजब पाल लिया।।

@नलिन #उस्ताद

No comments:

Post a Comment