Thursday, 7 February 2019

गजल-107बहुत प्यारे


बहुत प्यारे नजर आते हो तुम।
फूलों के जैसे मुस्कुराते हो तुम।।
वही शोख अदा वही बाॅकपन।
उम्र कहां छोड़ आते हो तुम।।
क्या-क्या कहें, कब तक लिखें।
पोथी पुराण सब भुलाते हो तुम।।
बहुत दूर लगती थी मंजिल कभी।
फासले पल में मिटाते हो तुम।।
जब भी तुम्हें देखा तो ऐसा लगा।
दिल में सभी को बसाते हो तुम।।
काजल लगा बंद कर लूं मैं ऑखें।
पारे से वरना फिसल जाते हो तुम।।
जिस किसी को चाहो घड़ी भर में उसको।
बांवला बना "उस्ताद"नचाते हो तुम।।

@नलिन #उस्ताद

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