वेलेंटाइन डे पर विशेष
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प्यार तो सारा अब बाजार बन गया है। दुकानों का महज कारोबार बन गया है।। बगैर डूबे मन भीग जाता था जिस प्यार में। जिस्मानी रिश्तों का वही अब करार बन गया है।।
एड़ियां घिसनी पड़ती हैं गर्म रेत जाने कितनी।
प्यार तो मगर अब एक इश्तिहार हो गया है।।
कायनात के हर रंग को गौर से जो पढ़ सको।
प्यार का हर शै इजहारे पुकार बन गया है।।डूब गया अब इश्के रूहानी बहता है जिस दर पर।
"उस्ताद"भी खा के ठोकरें होशियार बन गया है।।
@नलिन #उस्ताद
I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Thursday, 14 February 2019
गजल-114 प्यार तो सारा
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