Thursday, 7 February 2019

गजल-108

गरेबां में अपनी झांक देखो तो सही।
अपने को सही से आंक देखो तो सही।।

पहचान जाओगे फल की तासीर।
चख के एक फांक देखो तो सही।।

श्रद्धा-सबूरी जब भी होगी इबादत तेरी।
बनेगा काम हर बार तेरा देखो तो सही।।

गम और खुशी मिलते हैं सब यहीं।
कर सीना ए चाक  देखो तो सही।।

हो अगर हौसला हिमालय से ऊंचा तेरा।
चांद-तारे छाती पर टांक देखो तो सही।।

हो ना थोड़ा अगर अगर दिल में मैल तेरे। कतरा-कतरा है पाक देखो तो सही।।

कभी बनना जो चाहो "उस्ताद"अगर।
बदन में मल के खाक देखो तो सही।।

@नलिन #उस्ताद

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