Thursday, 22 February 2018

हुजूर ये क्या हो गया है #आप को। मर गया गिरगिट भी अब देख #आप को।।

हुजूर ये क्या हो गया है "आप"को।
मर गया गिरगिट भी अब देख "आप"को।।

आंख में थे सपने ना जाने कितने ही।
सौंपा था तख्तोताज तभी तो "आप"को।।

हम जो जानते सच इतने छिछोरे,नीच हो।
आ बैल मुझे मार कहते क्यों "आप"को।।

शर्म,हया,आबरू सब तो बेच दी।
अब बताओ क्या कहें हम"आप"को।।

मसीहा बनने का नाटक तो"आप"खूब किये। छटपटाते हम रह गये मुबारक हो "आप" को।।

तुझे सिवा बस कोसने के बता तो हम करें क्या।
चुना तो था हमीं ने बेईमान "उस्ताद""आप" को।।

@नलिन #उस्ताद

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