Sunday, 25 February 2018

रंग भरी एकादशी

रंगों भरी एकादशी झूम कर आ गई।
लो प्रकृति पुरुष को लुभाने आ गई।।

इंद्रधनुषी रंगों की अनोखी छटा से।
मुबारक हो होली पुकार आ गई।।

लिये हाथ पिचकारी बाल गोपाल सभी। झूमती खिलखिलाती टोलियाॅ आ गई।।

हर तरफ अनोखा एक समाॅ बंध गया।मदमस्त पांव में घुंघरू की थाप आ गई।।

बनी हर गली वृंदावन धाम जो।
आंखन छवि युगल सरकार आ गई।।

है रंगीन मिजाज कुछ हमारा कुमाॅऊ। 
पूष इतवार से तभी होली आ गई।।

अबीर गुलाल मल बोज्यू* के गालन।*भाभी
लल्ला की आंखन चमक आ गई।

हर कोई रंग के नशे में चूर दिख रहा।
बिन पिए "उस्ताद"हमें तो झूम आ गई।।

@ नलिन #उस्ताद

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