Wednesday, 4 October 2017

गंगा,यमुना,कावेरी अविरल बहें नदियां सभी


गंगा,यमुना,कावेरी अविरल बहें नदियां सभी 
आओ लें संकल्प तन-मन से आज हम सभी। 
नदियां,पर्वत,जंगल,मैदान धरती पर जितने सभी 
प्राणों का प्रवाह करते हैंजनमानस में मिल सभी। 
जहाँ-जहाँ नदियों की अमृत रसधार है बहती 
खिलखिलाती हरियाली समृद्धि की नित बहती। 
कूड़ा,कचरा,मल,मूत्र जो गिरता है इनमें सभी 
रोक यदि हम इसको लेंगे तो होंगी जवान सभी। 
घाट-घाट सुंदर होँगे और वातावरण सब ओर सुखी  
बज उठेंगे जन-मन-गन के तार सब ह्रदय रहें सुखी।
आओ फिर क्यों विलम्ब करें श्री गणेश करें हम सभी 
जीवनदायी नदियों की रक्षा करना कर्तव्य पुनीत सभी।   
  

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