Tuesday, 20 September 2016

राम-रट,राम-रट;झट-पट,झट-पट।


राम-रट,राम-रट;झट-पट,झट-पट। 
जाने कब बंद हों,मुख के दो पट। 
राम-देख,राम-देख;सब में चट-पट।  
जाने कब बंद हों;नैनों के दो पट। 
राम-जान,राम-जान;जगताधार फट-फट।   
राम-मान,राम-मान;विश्वास परम चट-पट।  
जाने कब मलिन हो;मन तेरा ले करवट।  
राम-सत्य,परम-सत्य;अर्पित कर अहं झट-पट।  
जाने कब तुझको फँसाये;माया की ये लट-पट। 
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