Friday, 30 September 2016

रायबहादुर बहुत होते थे बिरतानि शासनकाल में


रायबहादुर बहुत होते थे बिरतानि शासनकाल में 
लेकिन पाए जाते हैं अब भी हिंदुस्तान की धरती में। 
लूट-खसोट,छल-छद्म भरते जो अधिकारी के कानों में 
अपना उल्लू सीधा करने,तिकडम करते हर हाल में। 
जो सत्ता या इनका विरोधी हो,मार फेंकते कोने में 
लाज-शरम कहाँ भरती है,इन बेपैंदे के लोटों में। 
कोई मरे तो मरा करे,बला से इनके ठेंगे में 
ये तो बस अपने गुन गाते या जो हों सरकार में।
दाने-दाने को हो मुहताज,मांगें भीख जो गलियों में 
उनसे इन्हें नहीं वास्ता,ये तो मस्त जश्न मनाने में। 
लेकिन जनता त्रस्त बहुत जो छुपे भेदी नर खालों में 
मार-पीट और ठोक-बज कर लेगी बदला हर हाल में।  


No comments:

Post a Comment