Friday, 2 September 2016

विदेह माँ जानकी,मुझ पर कृपा आप कीजिये


विदेह माँ जानकी,मुझ पर कृपा आप कीजिये
हो जाऊं देहातीत,ऐसी विमल मति दीजिये।
काम,क्रोध,मद,मोह,राग मुझे सदा हैं छेड़ते
अपने आगोश में ले बलात अक्सर हैं निचोड़ते।
मैं त्रस्त,खिन्न मन,कुछ भी नहीं है सूझता
भला-बुरा कुछ न विचार हर घडी को हूँ कोसता।
जाने कैसे फिर भी मगर तेरी शरण हूँ आ सका
सौभाग्य बना दे इसे मेरा,बस यही तुझसे याचना।

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