I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Thursday, 29 September 2022
गीत: कैसा है?
Monday, 26 September 2022
नवरात्र गीत
Thursday, 22 September 2022
468:ग़ज़ल
Friday, 16 September 2022
467: ग़ज़ल
Sunday, 11 September 2022
466:ग़ज़ल
Saturday, 10 September 2022
465:ग़ज़ल
Thursday, 8 September 2022
464:ग़ज़ल
Wednesday, 7 September 2022
463: ग़ज़ल
Monday, 5 September 2022
संभवामि युगे युगे का तुमुल जयघोष धर्म संस्थापनार्थाय। 卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐
Sunday, 4 September 2022
राधाष्टमी
राधा राधा राधा।राधा नाम है एक धारा।
अहर्निश बहने वाला।अमर भक्ति का दाता।
श्री चरणों से बहता जाता।जिस में डूबा जग ये सारा।
जिसने इसमें गोता खाया।उसने इसका स्वाद है जाना।
हर पल सांसों का आना जाना।व्यर्थ यदि इसको न गाया।
जो चाहो तुम इसको पाना।शक्तिपुंज अद्भुत ये सारा।
मात्र सब समर्पण कर दो सारा।और नहीं कोई भी चारा।।
नलिनतारकेश
राधे-राधे।
Saturday, 3 September 2022
462: ग़ज़ल
गजल सुनकर वो तो मेरी रोने लगा था।
बेसबब उसका ही दर्द बयां हो गया था।।
दु:खती रग शायद रख दिया था हाथ उसकी।
बेवजह ही मुझे वो चारागर समझने लगा था।।
यूँ तो बीमार है यारब यहाँ हर कोई।
हमको ही मगर अपना ना पता था।।
चेहरे पर देखो हवाइयां उड़ रही हैं उसके।
जमाने का दरअसल वो सताया हुआ था।।
अजनबी हो गया है यह अपना ही शहर हमसे।
बदलेगा वक्त करवट ऐसे किसको ये पता था।।
लिखते हैं कलाम "उस्ताद" जो हर रोज हम।
दर्द निथारना ये निहायत जरूरी हो गया था।।
नलिनतारकेश @उस्ताद
Friday, 2 September 2022
रिझाने के लिए
जाने कब आ जाए मेरा सांवरा मुझसे मिलने के लिए।
जरा कर तो लूं सोलह श्रृंगार उसको रिझाने के लिए।।
अभी तक तो देह,मन,बुद्धि सभी अत्यंत कलुषित रहे हैं।
करना तो पड़ेगा मगर परिश्रम स्वयं को संवारने के लिए।।
भटकता रहा हूँ धरा में आसक्तियों के चलते जाने कब से। ऐसे कहाँ पर निर्वाह होगा प्यास अपनी मिटाने के लिए।।
चिंता बाह्य परिवेश मलिनता की नहीं बस अंतर्मन की है।
जो मिटानी तो होगी उसकी दृष्टि में सदा बसने के लिए।।
लग जायेंगे जाने कितने जन्म अभी और ये किसे ज्ञान है।
सो करूं मैं अनुनय उसी सांवरे से अपना बनाने के लिए।।
नलिनतारकेश