Sunday, 3 June 2018

गजल-109 बहुत साथ दिया उसने मेरा

चेहरे की तासुर से समझ ददॆ मिटाया उसने मेरा।
कदम-दर-कदम हर हाल बहुत साथ दिया उसने मेरा।।

उकता गया था मैं तो दुनिया की बेढब कवायद से।
दिल मगर टूटा सलीके से सजाया उसने मेरा।।

उड़ाती है माखौल दुनिया मंजिल ना अपनी पाओ तो।
मुश्किल हर घड़ी हौंसला मगर  बढ़ाया उसने मेरा।।

कहो तो भला जरा कैसे करें हम अता शुक्रिया उसका।
बमुश्किल लोग मिलते हैं साथ जैसा निभाया उसने मेरा।।

किनारा कर देखते हैं तमाशा जब लोग दूर से। थाम के मंझधार में वजूद बचाया उसने मेरा।।

"उस्ताद"है मेरा बड़ा प्यारा अकेला सारे जहां में।
बेपनाह दे मोहब्बत अपनी दिल चुराया उसने मेरा।।

@नलिन #उस्ताद

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