Tuesday, 26 September 2017

गजल-67: प्यार भरी एक गजल

प्यार भरी गजल जब हमने आज लिख दी।
चुनौती कठमुल्लों को बड़े नाज लिख दी।।

शबनम,फूल,झील और रंग ढेर सारे।
लो कायनाते इबारत आवाज लिख दी।।

होना नजूमी*भारी पड़ा उसकी जिन्दगी पर।
कच्चा-चिठ्ठा खोलती किताब दगाबाज लिख दी।।*ज्योतिषी

इश्क और मुश्क में भला कहो गलत-सही क्या।
देर ही सही उस पर गजल हो नाराज लिख दी।।

इशारों-इशारों जो बात उनसे होने लगी।
मुहब्बत की बात खुलेआम छोड़ लाज लिख दी।।

चलाता है सारी दुनिया का कारोबार जो।
वसीयत उसे"उस्ताद"अपने अंदाज लिख दी।

No comments:

Post a Comment