Wednesday, 25 January 2023

508:ग़ज़ल:: हादसा हो गया

इनायत,करम जो हम पर उनका हो गया।
अंदाज ए बयां सबका बदला सा हो गया।।

खाद,हवा,पानी से जो हमने उन्हें महरूम* रखा।*वंचित 
हाल यूँ ही नहीं अपने रिश्तों का बेजा* हो गया।।*ग़लत 

सफर में जिंदगी के तुम भी हो हम भी हैं।
नफा,नुकसान कुछ तो होना था,हो गया।।

दिल की सदा* होती तो है कबूल आज नहीं तो कल।*आवाज 
चलो खुदा का शुक्र हक में जल्द ही फैसला हो गया।।

"उस्ताद" बोझ लेकर न उतारो अपनी कश्ती दरिया में।
फिर न कहना दिलों के बीच भला कैसे हादसा हो गया।।

नलिनतारकेश @उस्ताद

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