Wednesday, 18 January 2023

505:ग़ज़ल:: तराश हीरे सी चाहिए

वैसे तो यूँ कहना हमें कुछ भी नहीं चाहिए। 
मगर किसी हालात में कहना सभी चाहिए।।

वो एक अच्छा नेकदिल फरिश्ता है कसम से। 
समझना इसे नहीं कमजोरी उसकी चाहिए।।

परिंदों की तरह खुले आसमां में उड़ने को।
बेड़ियाँ अपने ही पाँवों की तोड़नी चाहिए।।

ऐशोआराम कमाने से है भला तकलीफ किसको।
हां निगाहों में बचा रहना थोड़ा सा पानी चाहिए।।

तुम्हारे तसव्वुर में ही क्यों हकीकत में भी वो आएगा। 
तराश बस सूरत को "उस्ताद" अपनी हीरे सी चाहिए।। 

नलिनतारकेश @उस्ताद

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