Wednesday, 24 March 2021

।होरी मुबारक

रंगभरी एकादशी की पूर्व संध्या में ढेर बधाई युगल सरकार और आप सभी को।

खेलन होरी आ जाना श्याम,खुद से गलियन मोरी।
पकड़ बरजोरी वरना उठा लाएंगी,सखी सब मोरी।।
रंग अबीर,गुलाल और केसर,भरी हैं सवा मन बोरी।
मलने को गालन,बेचैन बैठी,गांवन की हर एक गोरी।।
कर देंगी सराबोर,सर से पांव सब,सखी सहेली।
बना भीगी बिल्ली,होगी अकड़ सब,तेरी ढीली।।
डुबो देंगी पकड़ सब इस बार तुझको,कीचड़ की होंदी।
डरके चुपचाप बैठा रहेगा फिर ताउम्र,यशोदा की गोदी।।
यूँ चकल्लस करने में तेरा,नहीं कोई है जरा भी सानी।
हंसी-ठट्ठा करने को बस करू हूँ हरि,मैं ये छेड़खानी।।
रंग-रंगीले, श्याम-मनोहर लूं तेरी मैं,बारम्बार बलिहारी।
बुरा ना मान ये तो बस तेरी राधा की,रंग भरी पिचकारी।।

नलिन @तारकेश 


 

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