Monday, 1 January 2018

माॅ सिद्धि श्रद्धासुमन

माॅ स्मरणांजलि
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जय जय मां"कात्यायनी",सकल "सिद्धि"प्रदायनी श्री अंबे।
जगत दुःख कष्ट व्याधि निवारणी,सकल मंगल कारिणी श्री अंबे।।

आतॆ हृदय पुकार सुन पल में,रचती तू शुभ मंगल विधान पल में।
त्रसित जन मुख म्लान विहसते,तव चरण"नलिन" ध्यान कर उर में।।

जय जय मां"कात्यायनी"सकल "सिद्धि"प्रदायनी श्री अंबे।
जगत दुःख कष्ट व्याधि निवारणी सकल मंगलकारिणी श्री अंबे।।

षड्-रिपु मधु कैटभ रुप धर अनेक,विचलित करते तन-मन।
आओ माॅ खड्ग खप्पर हाथ धर, मर्दन कर हरो भू-भार सकल जन-मन।।

जय जय मां"कात्यायनी"सकल "सिद्धि" प्रदायनी श्री अंबे।
जगत दु:ख कष्ट व्याधि निवारणी,सकल मंगलकारणी श्री अम्बे।।

सकल ब्रह्मांड तेरा भ्रू-विलास,विराजती शिव संग वामांग।
हम अति विनत भाव सुत तेरे,करते तुझे पुलक तन प्रणाम साष्टांग।।

जय जय जय मां"कात्यायनी"सकल "सिद्धि" प्रदायिनी श्री अंबे।
जगत दु:ख कष्ट व्याधि निवारण सकल मंगल कारिणी श्री अंबे।।

माॅ,माॅ,माॅ नित रटते रहें सदैव आठों याम, दो अब ऐसा हमें वरदान।
कल्पवृक्ष सी छत्रछाया का तेरा कृपा-आधार बने हम सबका अधिष्ठान।।

जय जय मां"कात्यायनी"सकल "सिद्धि" प्रदायनी श्री अंबे।
जगत दुःख कष्ट व्याधि निवारिणी सकल मंगल कारिणी श्री अंबे।।

@नलिन #तारकेश

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