गुरु के दरबार में लगती है हाजिरी बड़े ही सौभाग्य से।
जनम-जनम की होती है सभी साध पूरी बड़े सौभाग्य से।
वो तो रग-रग को जाने,बिना कुछ बतलाए बड़े सौभाग्य से।
एक चुटकी बजाते हर मुश्किल को करता आसान बड़े सौभाग्य से।
ये पावन पर्व जो आज आया अपने जीवन में बड़े सौभाग्य से।
आओ सब करें गुरु स्तुति को मिल-जुल गाकर बड़े सौभाग्य से।
यही कामना,यही आराधना करते रहें हम बड़े सौभाग्य से।
नित रति बढे हम सबकी श्री चरनन गुरु के बड़े सौभाग्य से।
जीवन में शतदल खिले निर्मल "नलिन" बड़े सौभाग्य से।
बन मधुकर कृपा रस पी लें आओ हम सभी बड़े सौभाग्य से।
@नलिन #तारकेश
No comments:
Post a Comment