आंखों में तेरी ख्वाब सजा लिए हमने।
फसाने सारे हकीकत बना लिए हमने।।
समंदर की आगोश में जब आफताब* चला गया।*सूरज
इंद्रधनुषी रंग हर तरफ बिखेर दिए हमने।।
पूनम का चांद जो आ गया आज जमीन पर। लो अपने लिबास में सितारे जड़ लिए हमने।।
पारे की मानिंद जिंदगी फिसलती ही जा रही। किनारे छोड़ मंझधार अब तो घर बसा लिए हमने।।
वो चंद लोग जो कहते हैं बहुत डरे हुए हैं हम। है भूल का नतीजा जो बहुत सिर चढ़ा दिए हमने।।
ऐसा नहीं,होगी नहीं कभी गलती"उस्ताद"से। माफीनामे बहुत पहले तैयार कर लिए हमने।।
@नलिन #उस्ताद
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