राम कृपा बिनु सुनु खगराई।
जानि न जाइ राम प्रभुताई।। 7/88/6
राम कृपा का ओर-छोर।
है कहाॅ आसान जानना।
हाॅ यदि श्रीराम ही द्रवित हो जाएं।
तो फलित हो सकती है साधना।
वरना तो लाख सिर रगड़ो।
संभव नहीं ये कामना।
दरअसल उनकी कृपा का अनन्त सागर।
असंभव अल्प-बुद्धि का लांध पाना।।
@नलिन #तारकेश
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