वो हमारी तो हम उनकी तारीफ करते रहे।
यूं बसर अपनी जिंदगी खुशी-खुशी करते रहे।
रंजोगम का जोड़ा ना घौंसले में एक तिनका। बस एक दूजे से प्यार ही प्यार करते रहे।।
बात में दम तो है कि होता नहीं कोई किसी का।
जान कर भी अंजान हम इश्क सबसे करते रहे।।
पढ़ ही लेते हैं लोग मासूमियत हमारी।
सब हमसे इसलिए धोखाधड़ी करते रहे।।
देखा जो उसने हमें बड़े ही प्यार से।
बस थम जाएं ये वक्त तमन्ना करते रहे।।
जिस्म का रूप,रंग तो बदलता जाता उमर के साथ में।
सो "उस्ताद" हम रूह से रूह का रिश्ता करते रहे।
@नलिन #उस्ताद
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