अधरों की चट्टाटानों पर बैठ
नैन उदधि के मध्य
काले गेसुओं के घने बादल
जब बरसते हैं तो बस
लगता है "प्रेमी-युगलों" को
कि सृष्टि का अन्त हो गया है
और महाजलप्लावन के बाद
पुनः बीजारोपित करने
सृष्टि उदर में नया अंकुर
बचे हैं केवल वो ही दो
मनु और श्रद्धा।
नैन उदधि के मध्य
काले गेसुओं के घने बादल
जब बरसते हैं तो बस
लगता है "प्रेमी-युगलों" को
कि सृष्टि का अन्त हो गया है
और महाजलप्लावन के बाद
पुनः बीजारोपित करने
सृष्टि उदर में नया अंकुर
बचे हैं केवल वो ही दो
मनु और श्रद्धा।
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