Saturday, 13 August 2016

शिव रूप छोड़,हनुमान बन भक्ति सबको सिखायी

बजरंगबली भला तेरी महिमा कहो किसने न जग गायी।
शरण आया जो तेरी हर मुश्किलों से निजात पायी।।
राम नाम महिमा अमित,अपार तूने ही फैलायी।
शिव रूप छोड़,हनुमान बन भक्ति सबको सिखायी।।
अष्ट-सिद्धि,नव-निधि प्राप्त कर  जग हित लगायी।
हर घडी राम-राम बस यही एक अलख जगायी।।
समस्त कामना से दूर तूने बस राम उर लौ लगायी।
याद दिलाए बल तिहारा तब कहीं महिमा दिखायी।।
श्री राम के भक्त हित सदा करुणा अपार तूने दिखायी।
हर असंभव कार्य कर उसे श्री राम की प्रभुता बतायी।।


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