Friday, 24 June 2016

राम-राम-राम बस यही एक काम




राम-राम-राम बस यही एक काम 
बने सदा जीवन का आधार नाम। 
और भला क्या दरकार 
आप से करूँ मैं हे राम। 
जीवन जब तक पल्लवित हो 
आपका नाम,रूप संकल्प हो। 
जब न रहूं इस जगत व्यूह में 
तब मिले विश्राम चरण में। 
यही कामना,निरन्तर हर स्वांस बहे 
जहाँ रहूं,जैसे रहूं आपका दुलार रहे।
 मन सदा उल्लास,आपका विश्वास हो
सबका हो मंगल,सदा यही विचार हो।  

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