Wednesday 22 June 2016

हर रूप,हर रंग,हर जर्रे में समाया तू है




  1. हर रूप,हर रंग,हर जर्रे में समाया तू है 
  2. तेरी क्या बात करुँ तू तो बड़ा निराला है। 
  3. ओ मेरे साईं सुन ले पुकार मेरी 
  4. कभी तो आ बात करने ढेर सारी। 
  5. व्यथा कथा मैं कहुँगा तुझसे अपनी 
  6. सुनाना तू भी कथा कुछ नयी,पुरानी। 
  7. वर्ना तो ये उमरिया बीत जाएगी सारी 
  8. मेरी हमेशा सी रह जाएगी झोली खाली। 
  9. आज मेरे साईं इतना अहसान अब कर दे 
  10. मेरी चाहत को जरा अमली ज़ामा पहना दे। 
  11. मेरी बेवक़ूफ़ीयों,गलतियों को देखेगा यदि 
  12. तो फिर तो हैं वो तो अनगिनत ढेर सारी। 
  13. तू तो बस मुझ पर कर किंचित कृपा दृष्टि 
  14. बदल जाए जिससे मेरी ये दुनिया,ये सृष्टि। 
  15. अब तो है बस तेरा भरोसा ही बाकी 
  16. तू नहीं तो फिर कौन सुध ले हमारी। 
  17. नाम की चर्चा तुम्हारी बहुत सुनी है भाई 
  18. कर दे पूरी ज़रा मेरी भी फरियाद साईं। 

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