Friday, 10 June 2016

श्री राम-राम-राम,बस करूँ यही एक काम





श्री राम-राम-राम,बस करूँ यही एक काम 
  सदा जीवन का आधार बने,यही एक नाम।
  और भला क्या दरकार करूं आपसे राम 
 मैं तो सदा से बड़ा मूढ़ मति रहा हूँ राम। 
  यह जीवन जब तक मेरा  पल्लवित हो 
  आपका नाम,रूप ही मेरा संकल्प हो। 
और जब ना रहूं इस जगत व्यूह में 
  तब मिले विश्राम बस श्री चरण में। 
  यही कामना,निरंतर हर श्वांस बहे 
  जहाँ रहूं,जैसे रहूं आपका दुलार रहे। 
  मन सदा उल्लास में,आपका विश्वास रहे 
 सबका हो मंगल सदा,यही मेरा विचार रहे। 

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