Friday, 4 May 2018

दिल तन्हा है

कहते हैं तो कहें लोग ये शख्स तो तन्हा है। भीतर जब मेरे कायनात ये कहाॅ तन्हा है।।

कहना तो बहुत है मुझे तुझसे यारब ।
बता ये क्या तेरा भी दिल तन्हा है।।

उदास,स्याह रातों में ही नहीं केवल।
छलकते जाम में भी ये मन तो तन्हा है।।

चांद,सितारे,बादल सब साथ हैं यूॅ तो ।
भीतर मगर देखो सब के सब तन्हा है।

दूर की कौड़ी तभी उसे है सूझती।
जब वो रहता कुछ देर को तन्हा है ।।

शख्सियत,तालीम हैं सब आला किस्म की ।
ढूंढोगे शऊर तो वो शख्स तन्हा है।।

दिन-रात के फासले तो होंगे तुम्हारे लिए।
अपने ही आप से"उस्ताद"तो ये तन्हा है।।

@नलिन #उस्ताद

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