Thursday, 3 May 2018

खुदा बनाना चाहता है

वह मुझको खुदा बनाना चाहता है।
नाजायज हर माॅग पूरी चाहता है।।

निभा कर मुझ से पुरजोर बेवफाई ।
बदले में वो बस प्यार चाहता है।।

उसकी सादगी ही एक कसूर बन गई।
जो देखो उल्लू बनाना चाहता है।।

चाहत बहुत है सिरमौर हो गुलशन हमारा। करना मगर मेहनत यहाॅ कौन चाहता है।।

बहुत दूर आ गए अब तो सफ़र में मगर। लौटना वापस भला कौन चाहता है।।

तपा-तपा कर खूब ढालता है शागिर्द को। दिल से तो"उस्ताद"उस का भला चाहता है।।

@नलिन #उस्ताद

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