Tuesday 16 February 2016

लखनपुरी हनुमान सेतु में


लखनपुरी हनुमान सेतु में,खूब सजा बांका-दरबार
बाबा नीबकरोली मंदिर,संग जुड़ा श्री राम दरबार।

मात "भवानी" स्वयं विराजी,सिंह पर कर अदभुत श्रृंगार
तो "मृत्युंजय" शिवजी बैठे,नन्दी वाहन भव्य आकार ।



नवल-वसंत,माघ मास का,शुक्ल पक्ष छाया उजियार
जाने हुआ कितने भक्तों का,शुभ्र स्वप्न आज साकार।

बाबा ने सपने में आकर,भक्त विदेशी किया तैयार
अमरीका से फिर दौड़ा आया,वो ले रुपये ढेर हज़ार।







कॉरिडोर बना ऐसे ही,और सजा फिर हर एक द्वार                                                
भक्त खड़े थे एक पाँव पर,बाबा की सुन कृपा पुकार।

प्रीत -"विनोद" बरसे "जीवन" में,उनका हम पर है उपकार
चन्द्र,"दिवाकर"निशदिन प्रस्तुत,बाबा  "सिद्धि" अपरम्पार।



तुम जो मांगो पल में देते, ऐसे हैं करुणा- अवतार 
हृदय "नलिन" "सदानंद" रहता,छूट गया माया संसार।  

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