साईं र्निनिमेष (एकटक) तुम निहार लो मुझे
गीत जीवन का मेरे संवर जायेगा।
जाने कितने युगों से भटकता हुँ मैं
थाम लो हाथ, मसला सुलझ जायेगा।
प्यार, मनुहार से तुम मना लो मुझे
वर्ना जीवन और जटिल हो जायेगा।
नाम तेरा बढ़ाता है धड़कन मेरी
क्या होगा मेरा जो तू मिल जायेगा।
नाम का तेरे जलवा सुना है "नलिन"
छू मुझे ले तो अंग-अंग खिल जायेगा।
© नलिन पाण्डे 'तारकेश'
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