वोट पर महाभारत आंखिर कब तक चलाओगे नेताजी
जनता को झूठे सब्ज़बाग कब तक दिखाओगे नेताजी।
मक्कारी,झूठ,फरेब,और दोगली बातों से भला
सत्ता की गाय-भैंस, कब तक दोहोगे नेताजी।
यहाँ जो भुकमरी, लाचारी, बेकारी दिखती है सारी
इसको परोस कर कब तक बरगलाओगे नेताजी।
नारियों की अस्मत से खिलवाड़,बच्चिओं से दरिन्दगी
शुतुरमुर्ग सा मुँह बोलो कब तक छुपाओगे नेताजी।
विकास के नाम पर तुमने बहुत खुद की तिजोरी भर ली
जनता पर घड़ियाली आंसू कब तक बहाओगे नेताजी।
No comments:
Post a Comment