Tuesday, 28 August 2018

देश जाता है तो जाए भाड़ में

देश जाता है तो जाए भाड़ में उसकी बला से। जहन्नुम* बने सबकी नजर में तो उसकी बला से।।*नरक

हो चाहे खुद काला अक्षर भैंस बराबर।
बोलना जरूरी फिर भी उसकी बला से ।।

एनसीसी जाने ना तो वो डोकलाम जाने। नासमझ कहें लोग उसको तो उसकी बला
से।।

जाता है जहां खिल जाते हैं"कमल"विरोधी पाले में।
"हाथ"मलते ही रह जाएं संगी-साथी उसकी बला से।।

अपना उल्लू साधना चाहते हैं उसे आगे रख
के।
बदनाम हो रहा वो पर परवाह कहाॅ उसकी बला से।।

लुटिया डुबो रहा है खूब वो खुद की अपने हाथ से।
देश,पारटी,विरासत भी डूबे तो उसकी बला से।।

जोकर सा समझते हैं अब तो हरेक लोग उसे। 
हैं सत्ता के सपने सो समझें उसकी बला से।।

शागिदॆ उसे बनाने से हर कोई बचता फिरे। "उस्ताद"भी कहता बचाओ मुझे उसकी बला से।।

@नलिन #उस्ताद

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