मरने का कोई न कोई तो बहाना चाहिए।
मुझे तेरे प्यार का तभी तो ठिकाना चाहिए।।
रोशन होने लगी तेरे ख्याल से जब मेरी जिंदगी।
किसी गैर को भला फिर क्यों रिझाना चाहिए।।
जो मिले जाए किसी को साथ तेरा किस्मत से।
उसको तो हर हाल बेखौफ हो इतराना चाहिए।।
गम और खुशी तो आनी-जानी है रोजमर्रा में।
इन वजहों से भला क्यों उसे भुलाना चाहिए।।
नजर लगाते हैं जमाने वाले प्यार पर हरेक के।
"उस्ताद" तभी तो इसे सबसे छुपाना चाहिए।।
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