राधा अष्टमी एवं नन्दा अष्टमी की बहुत बहुत बधाई।
卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐
पदचाप से जो नूपुर छनछनाते हैं लाड़ली ज्यू के।
भक्ति सौभाग्य द्वार वो खोलते हैं लाड़ली ज्यू के।।
कृष्ण-कृष्ण रटते तो सभी भक्त सुबह शाम मगर।
बगैर अनुशंसा कृपा कहाँ करते हैं लाड़ली ज्यू के।।
हंसी-ठिठोली कितनी भी करते हों बात-बात पर चाहे।
रूठ जाएं तो त्वरित श्रीचरण दबाते हैं लाडली ज्यू के।।
राधारानी हैं हमारी तो बड़ी कोमल,माखन-मिश्री जैसी।
तभी कृष्ण,षटरस लुभाते कहाँ,आगे हैं लाडली ज्यू के।।
राधा जी हैं धारा,वस्तुतः निर्मल भक्ति की साक्षात प्रतिमूर्ति।
"उस्ताद" तभी कान्हा,रीझ भक्तों पर जाते,हैं लाड़ली ज्यू के।।
No comments:
Post a Comment