सांस भर उसे फिर अच्छी तरह तौलना।।
जमाने के नए अंदाज से,होगे तुम भी वाकिफ।
कहता हूँ तभी,हर कदम सोच समझ रखना।।
हर बात का बतंगड़ बनाने में,माहिर हैं यहाँ लोग।
जरूरी नहीं है बिल्कुल,पलट अपनी बात कहना।।
काम से काम बस अपना,शऊर से करते हुए।
हो सके जितना भी,प्यार ही प्यार बांटते रहना।।
इन्हें नसीहतें कहो,या कहो तजुर्बे "उस्ताद" के।
जो कहो,मिले कभी फुर्सत तो इनसे गुजर देखना।।
@नलिनतारकेश
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