तुम बात न चाहे मुझसे किया करो।
खुद से कुछ बातें किया करो।।
मिलते हो क्यों बस दूर-दूर से
घर भी कभी आ जाया करो।।
बहुतहै मुश्किल जीना अब तो।
हर सांस मगर भिड़ जाया करो।।
ग्रह सारे जब वक्री चाल चलें।
भजन-यजन कुछ किया करो।।
आगाज हुआ स्वच्छ भारत का जो।
अब मिल जुल इसे निभाया करो।।
माना पंक हृदय बहुत हो रहा।
खिल"नलिन"सा जाया करो।।
जात -पात"उस्ताद"अब छोड़ो।
सब को गले लगाया करो।।
@नलिन #उस्ताद
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