Monday, 7 February 2022

गजल:420:- फकत किस्सा प्यार का

आंखों में  उसकी बहे लबालब दरिया प्यार का।
डूब के देखो तो सही गहरा है कितना प्यार का।।

देखते ही जो एक नजर में लगता है बड़ा अपना सा।
खुदा कसम जन्मों से होता है उससे रिश्ता प्यार का।। 

सूखे दरख्त खिल जाते हैं बहार में अक्सर ही चुपचाप। 
वो और कुछ नहीं बस होता है कमाल बड़ा प्यार का।।

घर जो बसा लेता है सभी के दिलों में बगैर जद्दोजहद।
होता है यार उसके पास तो एक अदद वीज़ा प्यार का।।

दिखेगी ये कायनात सारी चटक शोख रंगों से सजी संवरी। 
जलवा ए फन हुजूर जब कभी आपको दिखेगा प्यार का।।

दिले अजीज यूँ ही नहीं हुआ है ये "उस्ताद" सबका।
राज गर बता दूँ तो वो भी है फकत किस्सा प्यार का।।

@नलिनतारकेश

1 comment:

  1. एक ख़ूबसूरत अहसास...👌 सुन्दर अभिव्यक्ति 🙏🙏

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