Saturday, 11 March 2017

केसरिया होली इस बार फाल्गुन में




हो गया अबीर-गुलाल"केसरिया"इस बार होली में
"नरकेसरी"का जादू चला गली,क़स्बा इस बार होली में। 
"गजराज"को जकड़ गिराया उसके ही जाति घड़ियाल ने 
खिसियायी बिल्ली खंबा नोच रही इस बार होली में। 
"साईकल"की अपनी हवा निकाल दी खुद शैतान बच्चे ने 
बाप,चाचा से रूठ"आ बैल मुझे मार"हुआ इस बार होली में। 
बावलां"हाथ"तो अपना ही जला बैठा इस बार होलिका दाह में
"झाड़ू" इस बार खूब लगाई सबने कूड़े-कचरे के अम्बार में
हर तरफ खिला भगवा निर्मल "नलिन"इस बार होली में।   

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