Friday, 28 October 2016

तुम्हारे इसी जज्बे से महफ़हूज हमारी हर होली-दीवाली (सैनिकों को समर्पित )




तन-मन धन से बेपरवाह देश  की करते हो तुम रखवाली। 
तुम्हारे इसी जज्बे से महफ़हूज हमारी हर होली-दीवाली।।
खुद के घर मने या न मने ईद या नानक जयंती। 
तुमने तो कसम खाई शत्रु मुक्त रहे देश की धरती।।
जाड़ा,गर्मी,बरसात या हो विपदाएं असंख्य,अनोखी। 
रहा तुम्हारा सदा ही एक लक्ष्य,राष्ट्र रहे सदा सुखी।।
माँ-बाप,भाई-बहन,पत्नी सुख की दी तुमने कुर्बानी।
हम सब चिर ऋणी तुम्हारे,ओ भारत वीर सेनानी।।

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