छलक-छलक जा रहे जज्बात दिले पैमाने से मेरे आज।
चर्चा है बहुत आ रहे मुझसे मिलने सरकार मेरे आज।।
ये कहूंगा,वो कहूंगा,क्या कहूंगा बस यही सब दिन-रात।
गूंजता है दिल में यही और कुछ नहीं सूझता मेरे आज।।
गम में तो खूब शरीक किया कभी करेगा खुशी में भी क्या?
जेहन में आया कहां से ये सलीका जो दिखा तेरे आज।।
तेरे नाम का चिराग जला था जो इंतजार में। बुझ गया आखिर थक के वो भी दिल में मेरे आज।।
जाने कैसे किसी की नजर लग गई कसम से। थोड़ा रूठे से लगे मुझसे वो मेरे आज।।
माना नजूमी* है नामी,जाने सबके दिल का हाल। *ज्योतिषी
बता तू भी तो "उस्ताद" क्या है दिल में तेरे आज।।
@नलिन #उस्ताद
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