सहज और सरल होना आसान नहीं है।
जीवन भी असल जीना आसान नहीं है।।
राह में हरेक मिलते हैं फूल भी और शूल भी।।
बच के असर से निकल जाना आसान नहीं है।।
संस्कारों का मिला हो अगर खूब खाद-पानी।
बच्चों का तब बिगड़ पाना आसान नहीं है।।
यूँ तो मिलता है वो सबसे हीबड़े एहतराम से।
उसको समझना मगर इतना आसान नहीं है।।
सुनते रहे हैं तेरी,अब कुछ तू हमारी भी सुन ले।
यूॅ लगाम जुबां को लगा सकना आसान नहीं है।।
सर के बल दौड़ते रहना पूरी शिद्दत से जिंदगी भर।
फन ये सीखना बगैर किए कोई गिला आसान नहीं है।।
चंद पेशगी का सहारा,खुशी पर अपनी जो हुजूर लुटाते रहे।
वरना बदौलते कलम दो जून रोटी जुटाना आसान नहीं है।।
तल्ख हो मौसम सियासत का धरम-जाति के नाम जब।
"उस्ताद" सौगाते प्यार तब बांटना आसान नहीं है।।
@नलिन #उस्ताद
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