क्या बात है तुझमे ऐसी यार मेरे
मैं तो भूलूँ पर न भूलें ख्वाब मेरे।
जर्रा-जर्रा तेरी खुश्बू है पास मेरे
दूर कहाँ तू तो है हर वक्त पास मेरे।
फूल तेरे न जंचते हों चाहे शूल मेरे
हर हालत बने रहना तू साथ मेरे।
सुबह-शाम करता हूँ यही दुआ तुझसे
दिखा दे नूर अपना ओ "उस्ताद"मेरे।
साईं राम जपते रहिये भवसागर पार हो जायेगा !
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