Saturday, 18 February 2023

शिवेन सह मोदते

भला शिव कौन हैं?
                卐卐卐卐卐卐卐
       सभी को शिवरात्रि की बहुत बधाई 

आदि,अनादि,अर्धांगी,आशुतोष भला शिव कौन हैं?
इंदुशेखर, इष्टदेव, ईशान-ईश्वर भला शिव कौन हैं?
उमेश,उग्र,ऊर्ध्वरेता,ऋषभध्वज भला शिव कौन हैं?
एकनयन,एकलिंग,औघड़,औढरेश भला शिव कौन हैं?
कैलाशी,कामरिपु,कपाली,काशीनाथ भला शिव कौन हैं?   
खेमराज,गंगाधर,घोररूप,जटाधारी भला शिव कौन हैं?
तारकेश,तारणहार,दिगंबर,धर्मसेतु भला शिव कौन हैं? 
नटराज,नीलकंठ,पिनाकपाणी,परम भला शिव कौन हैं?
बम-भोला,ब्रह्मचारी,भद्र,भस्मशायी,भला शिव कौन हैं?महाकाल,मृत्युंजय,युगप्रवर्तक,योगी भला शिव कौन हैं?
रसज्ञ,रुद्रनाथ,लोकपति,ब्योमकेश भला शिव कौन हैं?
शांतस्वरूप,शुद्ध,शाश्वत,शशिभूषण भला शिव कौन हैं?
सहस्रमूर्धा,सुरेश्वर,सदानंद,सुक्ष्मात्मा भला शिव कौन हैं?
हर-रूप,हंस-गति,हिरण्यगर्भ,हरिप्रिय भला शिव कौन हैं?
त्रिलोकपति,तत्पर सेवारत भक्तों के भला शिव कौन हैं?
निर्मल "नलिन" सरोवर खिलखिलाते भला शिव कौन हैं?
उतर हृदयतल जाओ तब जान लोगे भला शिव कौन हैं?

शुभमस्तु। शिवेन सह मोदते।

Wednesday, 15 February 2023

510: ग़ज़ल शोख बच्चे सा मासूम

हजारों फूल खिले हुए हैं हर तरफ मेरे आशियाने में।  
आओ तो यारों कभी लुत्फ उठाने मेरे आशियाने में।।

दर्द,तन्हाई से भीगा हो चाहे जितना भी आंचल तुम्हारा।
बहार करेगी इस्तकबाल खिलखिलाते मेरे आशियाने में।।

न धूप है कड़ी दोपहर की और न सर्द ठिठुरती रातें।अलहदा मस्ती ही सदा छाई दिखे मेरे आशियाने में।।

हैरत में पड़ जाओगे कसम से तुम देखना तो सही।
सांसो में घुलेगी हवा इतर बनके मेरे आशियाने में।।

ज़माने की हवाएं न छू सकी जिसे कभी लाख कोशिश पे। 
शोख बच्चे सा मासूम वही "उस्ताद" रहे मेरे आशियाने में।।

नलिनतारकेश @उस्ताद

Friday, 10 February 2023

फागुनी बयार की मस्ती

फागुनी बयार की मस्ती
卐卐卐卐卐卐卐卐卐

साहित्य,संगीत,कला की सात्विक त्रिवेणी जब उर बहती।
सुधारस में अपने गहरे डूबा हमें अनजान लोक ले जाती।
तन-मन की सुध-बुध भुला तब लगती अनोखी समाधि।। 

अकल्पनीय मन-वीणा के तारों की झंकार मधुर गूंजती। रंग-बिरंगी तितलियों सी अधर अप्रतिम मुस्कान खिलती।
हरअंग शांत होता पर धड़कनें तीव्र गति थिरकने लगती।।

ऋतम्भरा पहनाती जब फूलों की माला हंसारुढ सरस्वती। भू से नील-गगन पार स्वर्ग तक अद्भुत कांति जगमगाती। 
नवसृजन तूलिका सहज पाषाण हृदय-घट भरती रवानी।।

कौतुक रचाने राधा-कृष्ण फिर गोप-गोपी संग बना टोली।
नाचते,गाते,झूमते मिलकर खेलते रंगीन अलौकिक होली। फागुनी बयार तब क्यों न अबीर-गुलाल मल इतरा बहती।

नलिनतारकेश

Monday, 6 February 2023

509: ग़ज़ल:आशिकाना हो गया

जनाब देखिए मौसम कितना आशिकाना हो गया।
खोलिए जरा लब भला अब क्या बहाना हो गया।।
#Gazal 
फुर्सत में आएंगे तब करेंगे गुफ्तगू आपसे।
ये तो मगर रोज का एक फसाना हो गया।।

होश किसे रहा जब से खोले हैं गेसू बादलों ने।
सूखे दरख़्तों का दिल झूमके परवाना हो गया।।

टिन की छत आज जब टप-टप टपकता है पानी।
दिलाए याद वो लम्हे जिन्हें बीते जमाना हो गया।।

डायरी के पन्ने इत्र ए गुलाब जिन पर झिड़का था कभी।
"उस्ताद" सांसों के ब्याज से नायाब खजाना हो गया।।

नलिनतारकेश @उस्ताद